जर्मनी के लोग घर, गाड़ी के लिए पैसे नहीं बचाते
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

बचत करने की बात हो तो लोगों के जेहन में घर या कार खरीदना आता है, या फिर कुछ पैसा रिटायरमेंट के लिए अलग निकालने के बारे में सोचा जाता है. हालांकि ज्यादातर जर्मन लोग इन सबके बारे में नहीं सोचते.जर्मनी के लोग पैसा बचाते हैं छुट्टियां बिताने के लिए. कीमतों की तुलना करने वाली वेबसाइट इडियालो के कराए एक सर्वे में यह जानकारी सामने आई है. समाचार एजेंसी डीपीए ने इस सर्वे के नतीजे देखे हैं. इसके मुताबिक 42 फीसदी जर्मन पैसा इसलिए बचाते हैं ताकि कहीं घूमने जा सकें. किसी और चीज के लिए बचत करने वालों की तुलना में यह संख्या सबसे ज्यादा है.

जरूरतें पूरी करने की चिंता

सर्वे में यह भी पता चला कि लोग पैसे जमा करने के लिए भी बचत करते हैं. ऐसे लोगों की तादाद 39 फीसदी है. इसके अलावा 32 फीसदी लोग रिटायरमेंट के लिए पैसा बचाते हैं. बड़े उपभोक्ता सामानों के लिए बचत करने वाले लोग भी 28 फीसदी हैं.

हर छह में से एक आदमी पैसा बचाना चाहता है, लेकिन ऐसा कर पाने में असमर्थ है. लगभग दो तिहाई लोग ऐसे हैं जो इस चिंता के साथ जी रहे हैं कि वो जितना कमा रहे हैं उससे उनकी जरूरतें पूरी नहीं होंगी. पिछले साल जर्मनी में 42 फीसदी लोगों की बचत कम हो गई. सर्वे के लिए 18-64 साल की उम्र के लगभग 2,000 लोगों से जानकारी जुटाई गई. ये लोग ऑनलाइन खरीदारी करते हैं. मई में बाजार पर रिसर्च करने वाली कंपनी कांटार ने यह सर्वे किया है.

जर्मनी में अब जलवायु नहीं आर्थिक असुरक्षा है बड़ी चिंता

बचत के लिए कहां खर्च घटाते हैं लोग

बचत के लिए खर्च में कटौती करनी पड़ती है और बुजुर्ग यह काम कपड़ों पर होने वाला खर्च घटा कर करते हैं. दूसरी तरफ युवा खाने के खर्च में किफायत बरतते हैं ताकि पैसा बचा सकें. जर्मनी में महंगाई बढ़ रही है. अर्थव्यवस्था की हालत बहुत अच्छी नहीं है और हर महीने किसी ना किसी मद में खर्च बढ़ जाता है. ऐसे में जर्मन ग्राहक अपने पैसे पर ज्यादा नियंत्रण रख रहे हैं. बचत के लिए ज्यादातर कपड़े और एक्सेसरीज की खरीदारी घटाई जाती है. इसके अलावा लोग रेस्त्रां और कैफे में जाना भी कम कर देते हैं. सर्वे में शामिल आधे से ज्यादा लोगों ने कहा है कि वह इसी तरह खर्च में कटौती करके पैसा बचाते हैं.

इसके अलावा कुछ और उपभोक्ता सामान भी हैं जिनमें कटौती की जाती है. मसलन हॉबी और खाली वक्त से जुड़े खर्च भी घटाए जाते हैं. 41 फीसदी लोगों ने टेनिस रैकेट या योगा मैट जैसी चीजों पर खर्च घटा कर पैसा बचाया. इसी तरह से 40 फीसदी लोगों ने बचत के लिए इलेक्ट्रॉनिक सामानों की खरीदारी घटाने की बात कही. जर्मन लोगों की इस बचत और कम खर्च की कोशिशों से सबसे ज्यादा मुश्किल बढ़ी है, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की क्योंकि लोग रेस्त्रां और कैफे के खर्च में भारी कटौती कर रहे हैं.

खर्च में पीढ़ियों का फर्क

आंकड़े दिखाते हैं कि खर्च की आदतों में उम्र का काफी असर है. बेबी बूमर्स या फिर जो लोग 60 साल से ज्यादा की उम्र के हैं वो लोग बचत के लिए सबसे ज्यादा कटौती कपड़ों की खरीदारी में करते हैं, खासतौर से जेन-जी यानी 18-30 साल की उम्र वालों की तुलना में. दूसरी तरफ युवा राशन की खरीदारी घटाते हैं, जबकि बुजुर्ग बाहर खाने जाना कम कर देते हैं.

बिना कुछ किए पैसा मिले तब भी काम नहीं छोड़ते जर्मन

इडियालो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क डेकन कहते हैं कि युवाओं के लिए फैशन उनके व्यक्तित्व और पहचान को जताने का एक प्रमुख जरिया है. उन्होंने डीपीए से कहा, "शायद यही वजह है कि वे इन क्षेत्रों में कम बचत करना चाहते हैं. वे अकसर नए रेस्त्राओं में खाने के लिए भी जाना चाहते हैं. यह खर्च किसी और जगह कटौती करके हासिल की जाती है."

सिनेमा और शौक पर खर्च

हॉस्पिटैलिटी के अलावा दूसरी सांस्कृतिक और खाली समय की गतिविधियों पर भी बचत का असर होता है. सिनेमा, कंसर्ट और फेस्टिवल पर भी लोगों की इस प्रवृत्ति का भारी असर हुआ है. सर्वे में शामिल 46 फीसदी लोगों ने इन सब क्षेत्रों में कटौती की. लगभग इतने ही लोगों ने क्लबों और नाइटलाइफ के बारे में भी यही बात कही.

किताबें, मीडिया, ड्रगस्टोर और कॉस्मेटिक प्रॉडक्ट के साथ ही सेहत और खेल से जुड़ी गतिविधियों मसलन जिम या फिर योगा क्लास का नाम बचत करने वालों की जुबान पर कम ही आया. बचत करने के लिए लोग कई तरीके इस्तेमाल करते हैं. सबसे आम है अलग-अलग जगहों पर कीमतों की तुलना करना. 64 फीसदी लोगों ने कहा कि वह यह काम करते हैं. बहुत से लोग खास ऑफरों पर ध्यान देते हैं या फिर डिस्काउंट कूपन का इस्तेमाल करते हैं.