
मुंबई, महाराष्ट्र: नेशनल मेडिकल कमीशन ने महाराष्ट्र के 30 मेडिकल कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस भेजा है. इन कॉलेजों ने 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए मान्यता नवीनीकरण प्रक्रिया में जरूरी मानदंडों का पालन नहीं किया, जिसके चलते यह कार्रवाई की गई है.इस सूची में 10 हाल ही में मान्यता प्राप्त सरकारी कॉलेज, मुंबई महानगरपालिका के अंतर्गत आने वाले संस्थान और पुणे स्थित सैन्य चिकित्सा कॉलेज शामिल हैं. इन मेडिकल कॉलेजों ने जो मानदंड एनएमसी ने तय करके दिए, उसका पालन नहीं किया.
जिसके कारण इन्हें नोटिस भेजा गया है. इस नोटिस के बाद अब हॉस्पिटल प्रशासन और अधीक्षकों पर अब दबाव आ गया है. ये भी पढ़े:NMC Notice For Colleges: रैगिंग से एमबीबीएस डॉक्टर की मौत के बाद एनएमसी ने देश के मेडिकल कॉलेज को जारी किया नोटिस, दी सख्त चेतावनी
क्या थी प्रमुख खामियां?
शिक्षकों की संख्या मानकों से कम
मेडिकल सुविधाओं और उपकरणों की भारी कमी
बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली में गड़बड़ियां
बुनियादी ढांचे की स्थिति खराब
इन कमियों के आधार पर कॉलेजों को नोटिस भेजा गया. हालांकि जब कॉलेजों ने इसका जवाब भेजा, तो NMC ने उसे असंतोषजनक पाया.
प्रशासन को भी किया तलब
कॉलेजों द्वारा बार-बार हुई अनियमितताओं और सुधार की दिशा में कोई कदम न उठाने पर एनएमसी ने अब राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और डीएमईआर के निदेशक को भी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया है.
कौन-कौन से कॉलेजों को भेजा गया नोटिस
10 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज मुंबई, अंबरनाथ, अमरावती, हिंगोली, वाशिम, गडचिरोली, जालना, बुलढाणा, भंडारा और सोलापुर, अन्य प्रमुख संस्थान में बारामती, रत्नागिरी, अकोला, चंद्रपुर, गोंदिया, उस्मानाबाद, सातारा, अलिबाग, जळगांव, मिरज, नंदुरबार, परभणी, सिंधुदुर्ग, तो वही बड़े शहरों के कॉलेज में नागपुर का इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, यवतमाल का वसंतराव नाईक कॉलेज, कोल्हापुर का शाहू महाराज मेडिकल कॉलेज, धुले का भाऊसाहेब हिरे कॉलेज शामिल है. इसके साथ ही सैन्य और महानगरपालिका संस्थान का पुणे का आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज, मुंबई का बीएमसी शीव हॉस्पिटल भी शामिल है.
एनएमसी की चेतावनी
एनएमसी ने स्पष्ट किया है कि अगर संबंधित कॉलेज समय रहते सुधारात्मक कदम नहीं उठाते, तो उनकी कोर्स मान्यता और सीटें रद्द की जा सकती हैं. इससे हजारों मेडिकल छात्रों का भविष्य प्रभावित हो सकता है.