
पुणे, महाराष्ट्र: इंसान जहां कुछ दिन भी रुक जाता है तो उस जगह से उस इंसान का एक रिश्ता जुड़ जाता है. अगर कोई इंसान किसी जगह पर वर्षों तक काम कर लेता है, तो उस जगह से उसका गहरा इमोशन जुड़ा हुआ होता है. ऐसा ही इमोशन का एक वीडियो पुणे से सामने आया है.पुणे के बंडगार्डन पुलिस स्टेशन के बाहर एक रिटायर्ड पुलिस सिपाही द्वारा भावुक विदाई का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में दिखता है कि एक बुजुर्ग शख्स स्टेशन के सामने खड़े होकर उसे झुककर अंतिम बार नमन करते हैं. यह पल सिर्फ एक इमारत को नहीं, बल्कि कर्तव्य और आत्मीयता को श्रद्धांजलि देने का प्रतीक बन गया है.
इस वीडियो को सोशल मीडिया X पर @pune_local नाम के हैंडल से शेयर किया गया है. ये भी पढ़े:VIDEO: ढोल-नगाड़े, घोड़े और गुलदस्तों के साथ विदाई, ट्रांसफर हुए इंस्पेक्टर को जनता ने दिया शाही सम्मान
रिटायर्ड पुलिस कर्मी ने पुलिस स्टेशन को किया प्रणाम
हेच होतं माझं दुसरं घर! ते पोलिस स्टेशन पाडणार माजी कर्मचाऱ्याकडून दंडवत
बंड गार्डन पोलीस स्टेशनची इमारत पाडणार आहेत... ती जागा जिल्हाधिकारी कार्यालयाला दिली जाणार आहे.. #bandgarden #policestation #Police #pune #punecity #PuneNews #trendingreel #trendingnow #trendingvideo pic.twitter.com/HugWIagsqj
— Pune Local पुणे लोकल (@pune_local) June 28, 2025
पुलिस स्टेशन को झुककर किया अंतिम प्रणाम
सेवानिवृत्त सिपाही का यह वीडियो लोगों के दिलों को छू गया है. उन्होंने पुलिस स्टेशन के सामने झुककर प्रणाम किया, जैसे कोई अपने गुरु या देवता को नमन करता हो. यह दृश्य न सिर्फ आंखें नम कर देता है, बल्कि उस व्यक्ति की ड्यूटी के प्रति ईमानदारी और लगाव को भी दर्शाता है.
जहां की सेवा की, वही बना कर्मभूमि का मंदिर
खबरों के अनुसार, यह बुजुर्ग सिपाही बंडगार्डन पुलिस स्टेशन में वर्षों तक सेवा में रहे थे. उन्होंने 2021 में सेवा से निवृत्त होकर पुलिस की सक्रिय ड्यूटी को अलविदा कहा था. उनकी अधिकतर ड्यूटी लोकपाल सेवा में रही और इस स्थान से उनका गहरा जुड़ाव था.
खबर पढ़कर हुए इमोशनल
जब उन्होंने हाल ही में एक समाचार पत्र में पढ़ा कि बंडगार्डन पुलिस स्टेशन की इमारत को तोड़ा जाएगा, तो उनके भीतर की भावनाएं उफान मारने लगीं. उसी इमारत में उन्होंने अपने जीवन के संघर्ष, कर्तव्य और समर्पण के दिन बिताए थे. ये स्थान उनके लिए महज एक ड्यूटी स्टेशन नहीं, बल्कि जीवन का एक अहम अध्याय था.इस भावनात्मक उथल-पुथल के बाद उन्होंने निर्णय लिया कि वो एक बार फिर उस इमारत के सामने जाकर उसे झुककर अंतिम प्रणाम देंगे. और फिर वे स्टेशन के बाहर आए, वहीं झुके और हाथ जोड़कर अपने वर्षों की सेवा की कर्मभूमि को नमन किया. डबडबाई आंखों और कांपते हाथों से किया गया ये सलाम हर देखने वाले की आत्मा को छू गया.