
Fact Ckeck: ईरान-इजराइल युद्ध में दोनों देशों के बीच मिसाइल और ड्रोन हमले लगातार जारी हैं. युद्ध की चपेट में आकर अब तक सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. ईरान में 639 और इजराइल में 25 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हैं. इस भीषण संघर्ष के बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है. इस तस्वीर में एक शख्स को मिसाइल से बंधा हुआ दिखाया गया है. दावा किया जा रहा है कि यह मोसाद का एजेंट है, जिसे पकड़ने के बाद ईरान ने उसे मिसाइल से बांधा और इजराइल की तरफ दाग दिया.
तस्वीर में मिसाइल ईरानी झंडे में लिपटी हुई नजर आ रही है और शख्स उससे कसकर बंधा हुआ है. हालांकि पड़ताल में वायरल फोटो और दावा पूरी तरह फर्जी निकला.
'मोसाद जासूस को मिसाइल में बांधकर भेजा'
मोसाद के जासूस को ईरान अपने मिसाइल में बांधकर इजरायल वापस भेज रहा है pic.twitter.com/1ZB04xRh5S
— Saif Aalam🌟 (@SaifAalam10) June 17, 2025
'मोसाद जासूस को मिसाइल से बांधकर इजरायल में फेंका'
इरान ने मोसाद के जासुस को मिसाईल पर बांध इजरेल पर डाल दिया. pic.twitter.com/UaTnwI2qD5
— COMMONSENSE (@JumboTumbro) June 20, 2025
'ईरान ने इजराइल के 73 जासूस पकड़े'
73 जासूस पकड़ाई हैं ईरान में इजरायल के लिए कर रहे थे ईरान ने बाइज्जत फ्री में भेज रहे हैं मोसाद के पास pic.twitter.com/Emaz2zYvon
— Md Mustafa (@MdMusta58851237) June 19, 2025
AI-Generated निकली वायरल तस्वीर
जांच के दौरान यह सामने आया कि यह तस्वीर AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) आधारित टूल्स से बनाई गई है. Wasitai.com की रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया कि वायरल हो रही तस्वीरों में दिखने वाले ग्राफिक्स, शेड्स और एलिमेंट्स AI-Generated हैं. यानी यह तस्वीर असली नहीं, बल्कि एक डिजिटल कल्पना है, जिसे लोगों को गुमराह करने के लिए सोशल मीडिया पर फैलाया गया है.
पुरानी खबर से जोड़ा गया झूठा एंगल
हालांकि, यह जरूर सच है कि ईरान ने इस्माइल फेकरी नामक व्यक्ति को मोसाद के लिए जासूसी करने के आरोप में 2023 में गिरफ्तार किया था और उसे मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन उस केस का इस मौजूदा युद्ध या वायरल तस्वीर से कोई लेना-देना नहीं है. यह एक पुराना मामला है जिसे अब की घटनाओं से जोड़कर गलत खबरें फैलाई जा रही हैं.
सचेत रहें, गुमराह न हों
इस तरह की झूठी तस्वीरें और फर्जी दावे न सिर्फ जनता को भ्रमित करते हैं, बल्कि ऐसे संवेदनशील समय में नफरत और तनाव को बढ़ावा देते हैं. सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली किसी भी सनसनीखेज खबर पर भरोसा करने से पहले उसकी सच्चाई की जांच जरूर करें.