
देशभर में एसी के तापमान को 20 डिग्री से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रखने के प्रस्ताव को लेकर चल रही चर्चाओं पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू नहीं किया जाएगा, बल्कि इसे धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा, "ऐसी स्थिति शायद 2050 के बाद ही आएगी." बता दें कि हाल ही में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक घोषणा में कहा था कि भारत सरकार जल्द ही एयर कंडीशनर के लिए एक मानकीकरण प्रावधान लागू करने वाली है.
इसके तहत एसी का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 28 डिग्री सेल्सियस तक ही सीमित किया जाएगा. यानी न तो बहुत अधिक ठंडा किया जा सकेगा और न ही अत्यधिक गर्म.
सरकार के इस कदम के पीछे मुख्य मकसद है ऊर्जा की बचत और कार्बन उत्सर्जन में कमी. ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) के अनुसार, भारत में अधिकांश एसी आमतौर पर 20-21 डिग्री पर सेट होते हैं, जबकि आरामदायक तापमान 24-25 डिग्री के बीच होता है. BEE के अनुसार, अगर एसी का तापमान 1 डिग्री बढ़ाया जाए, तो करीब 6 फीसदी बिजली की बचत होती है. यदि तापमान को 20 से 24 डिग्री किया जाए, तो कुल 24 फीसदी बिजली बचाई जा सकती है.
2050 के बाद हो सकता है बड़ा बदलाव
भूपेंद्र यादव ने कहा कि इस तरह के मानक को लागू करने से पहले देश की आर्थिक और तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करना आवश्यक है. उन्होंने कहा, "हर देश की जिम्मेदारियां अलग-अलग होती हैं. विकसित देशों को ज्यादा जिम्मेदारी लेनी चाहिए क्योंकि उन्होंने पहले ज्यादा प्रदूषण फैलाया है और उनके पास संसाधन भी ज्यादा हैं."
इस प्रस्ताव के लागू होने पर इसका असर शैक्षणिक संस्थानों, कॉर्पोरेट दफ्तरों और बड़े शॉपिंग मॉल्स में देखने को मिलेगा. खासकर जहां तापमान बहुत कम रखकर ऊर्जा की अधिक खपत होती है.