Som Pradosh Vrat: असाध्य रोग या आर्थिक संकट से मुक्ति के लिए सोम प्रदोष को करें ये उपाय! जानें शुभ मुहूर्त एवं पूजा-विधि इत्यादि!
सोम प्रदोष व्रत (Photo Credits: File Image)

Som Pradosh Vrat: हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह शुक्ल पक्ष एवं कृष्ण पक्ष के तेरहवें दिन प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat)  रखा जाता है. प्रदोष तिथि भगवान शिव (Bhagwan Shiv) को समर्पित मानी जाती है. इस दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती की संयुक्त पूजा-अर्चना का विधान है. सोमवार को पड़ने वाले प्रदोष को सोम प्रदोष (Som Pradosh) कहते हैं, चूंकि सोमवार का दिन भी भगवान शिव को प्रिय होता है, इसलिए सोम प्रदोष को व्रत jरखकर भगवान शिव की पूजा करने से उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. जातक के सारे संकट और पाप नष्ट हो जाते हैं, जीवन में खुशियाँ एवं समृद्धि आती है. इस माह 23 जून को सोम प्रदोष व्रत रखा जाएगा. आइये जानते हैं सोम प्रदोष की पूजा विधि एवं कुछ विशेष उपाय के बारे में... यह भी पढ़ें: Bhagwan Vishnu & Chaturmas 2025: भगवान विष्णु चतुर्मास में ही क्यों करते हैं विश्राम? जानें इसका महत्व एवं कब से कब तक रहेगा चातुर्मास!

प्रदोष व्रत की मूल तिथि एवं पूजा मुहूर्त

आषाढ़ कृष्ण पक्ष त्रयोदशी प्रारंभः 01.21 AM (23 जून 2025)

आषाढ़ कृष्ण पक्ष त्रयोदशी समाप्तः 10.09 PM (23 जून 2025)

ऐसी स्थिति मे सोम प्रदोष का व्रत 23 जून को रखा जाएगा.

भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त

07.22 PM से 09.23 PM (23 जून 2025)

सोम प्रदोष व्रत एवं पूजा के नियम

सोम प्रदोष के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान-ध्यान करें. स्वच्छ वस्त्र धारण कर शिवजी एवं देवी पार्वती की पूजा और व्रत का संकल्प लें. सुबह की समान्य पूजा करें, क्योकि प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में होती है, अतः मुहूर्त के अनुरूप संध्याकाल के समय घर के मंदिर में शिवजी एवं देवी पार्वती के समक्ष धूप-दीप प्रज्वलित करें. शिवलिंग पर गंगाजल एवं बेल-पत्र से अभिषेक करें. देवी पार्वती को पुष्प, सिंदूर, सुहाग की वस्तुएं चढ़ाएं, भोग में फल एवं मिष्ठान चढ़ाएं. अब भगवान शिव की आरती उतारें और प्रसाद वितरित करें.

सोम प्रदोष के दिन करें ये उपाय

आय में वृद्धि के लिएः सोम प्रदोष को तांबे के पात्र में जल और पुष्प से शिवलिंग का अभिषेक करते हुए ओम नमः शिवाय का जाप करें. ऐसा करने से आय में आ रही रुकावटे दूर होंगी.

कारोबार में मुनाफे के लिएः प्रदोष व्रत के दिन संध्याकाल के समय शिवलिंग का दूध, दही, शहद, चंदन और बेलपत्र से अभिषेक करें, इसके बाद शुद्ध घी का दीपक और धूप प्रज्वलित करें. ऐसा करने से रोजगार में मुनाफा बढ़ेगा.

संतान प्राप्ति के लिए: निसंतान दंपत्ति अगर सोम प्रदोष के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें. शिवलिंग पर पंचामृत, बेलपत्र एवं भांग के पत्ते से अभिषेक करने से संतान प्राप्ति में आ रही बाधा दूर हो सकती है.

घर-परिवार में सुख-शांति के लिएः सोम प्रदोष के दिन पीपल के पेड़ की जड़ की मिट्टी लाकर घर के मंदिर में पार्थिव शिवलिंग बनाकर  विधिवत पूजा करें, इसके बाद उस पार्थिव शिवलिंग को बहती नदी में प्रवाहित कर दें.

असाध्य रोग से मुक्ति के लिए: सोम प्रदोष के दिन व्रत रखते हुए घर में किसी योग्य पुरोहित से रुद्राभिषेक करवाएं. इसके पश्चात सामर्थ्यानुसार संख्या में गरीबों को भोजन कराएं, असाध्य रोग से राहत मिल सकती है.