
गूगल ने अपने सभी यूज़र्स के लिए एक ज़रूरी चेतावनी जारी की है. कंपनी का कहना है कि अब जीमेल अकाउंट में साइन-इन करने के पुराने तरीके, जैसे पासवर्ड और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA), उतने सुरक्षित नहीं रहे. गूगल अब चाहता है कि आप अपने अकाउंट को ज़्यादा सुरक्षित बनाने के लिए 'पासकी' (Passkeys) जैसी नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरू करें.
पासवर्ड अब क्यों सुरक्षित नहीं हैं?
गूगल के मुताबिक, आजकल साइबर हमले बहुत बढ़ गए हैं, जिसका एक बड़ा कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ता इस्तेमाल है. एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 61% ईमेल यूज़र्स को हैकर्स ने अपना निशाना बनाया है.
कंपनी का कहना है कि "पासवर्ड को संभालकर रखना एक मुश्किल काम है." इसका मतलब है कि लोग अक्सर आसान पासवर्ड रखते हैं, उन्हें भूल जाते हैं या फिर वे डेटा लीक होने पर हैकर्स के हाथ लग जाते हैं. हैकर्स 'फ़िशिंग' जैसे तरीकों से आपको धोखा देकर आपका पासवर्ड आसानी से चुरा सकते हैं.
कैलिफ़ोर्निया स्थित इस कंपनी ने कहा, "यह ज़रूरी है कि आप ऐसे टूल्स का इस्तेमाल करें जो आपके अकाउंट को अपने-आप सुरक्षित रखें और आपको धोखाधड़ी से बचाएं."
तो फिर इसका हल क्या है?
इसका जवाब है - पासकी (Passkeys).
यह एक नया और बेहद सुरक्षित तरीका है जिसमें आपको लॉगिन करने के लिए पासवर्ड की ज़रूरत ही नहीं पड़ती. इसकी जगह आप अपने फ़ोन के फ़िंगरप्रिंट, फ़ेस स्कैन या स्क्रीन लॉक (पैटर्न या पिन) का इस्तेमाल करते हैं. जब आप किसी वेबसाइट या ऐप पर लॉगिन करते हैं, तो आपका फ़ोन बायोमेट्रिक तरीके से आपकी पहचान कन्फ़र्म करता है और आप तुरंत लॉगिन हो जाते हैं.
गूगल का मानना है कि यह तरीका 'फ़िशिंग-रेसिस्टेंट' है, यानी हैकर्स आपको धोखा देकर आपका पासवर्ड नहीं चुरा सकते क्योंकि कोई पासवर्ड है ही नहीं.
इंस्टाग्राम के बॉस भी होते-होते बचे शिकार
इस चेतावनी की गंभीरता का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इंस्टाग्राम के हेड, एडम मोसेरी, भी हाल ही में एक बड़े हैकिंग हमले का शिकार होते-होते बचे.
मोसेरी ने बताया कि उन्हें एक फ़ोन आया जिसमें किसी ने बड़े सधे हुए अंदाज़ में बात की. उसने कहा कि आपका गूगल अकाउंट खतरे में है और पहचान कन्फ़र्म करने के लिए एक ईमेल भेजा. वह ईमेल और डोमेन बिलकुल असली गूगल जैसा दिख रहा था. फ़ोन पर उनसे कहा गया कि वे अपनी जीमेल ऐप में जाकर अपना पासवर्ड बदल लें और अपना नया पासवर्ड ज़ोर से न बोलें, ताकि उन्हें यकीन हो जाए कि यह सब सुरक्षित है.
मोसेरी इस जाल में फंस ही जाते, लेकिन किस्मत से उनके एक दोस्त के साथ पिछले साल ठीक ऐसी ही घटना हुई थी, जिसकी वजह से वह सावधान हो गए.
यह घटना दिखाती है कि हैकर्स कितने चालाक हो गए हैं और पुराने पासवर्ड वाले तरीके अब कितने असुरक्षित हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि युवा पीढ़ी (Gen Z) तो पासकी जैसे नए तरीकों को अपना रही है, लेकिन पुरानी पीढ़ी के लोग अभी भी पासवर्ड पर ही अटके हुए हैं.
इसलिए, बेहतर यही है कि आप जल्द से जल्द अपने गूगल अकाउंट में पासकी को एक्टिवेट कर लें और अपने डिजिटल जीवन को ज़्यादा सुरक्षित बनाएं.