Rani Lakshmibai Punyatithi 2025 Messages: रानी लक्ष्मीबाई को नमन! पुण्यतिथि पर अपनों संग शेयर करें ये हिंदी WhastApp Status, Quotes, SMS और HD Images

लॉर्ड केनिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, रानी लक्ष्मीबाई को एक सैनिक ने पीछे से गोली मारी थी, तभी अपने घोड़े के मोड़ते हुए रानी लक्ष्मीबाई ने भी इस सैनिक पर हमला किया था, लेकिन वो उनके वार से बच गया और उसने तलवार से उनका वध कर दिया था. झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि पर इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप स्टेटस, एसएमएस, एचडी इमेजेस को शेयर करके आप उन्हें नमन कर सकते हैं.

रानी लक्ष्मीबाई पुण्यतिथि 2025 (Photo Credits: File Image)

Rani Lakshmibai Punyatithi 2025 Messages in Hindi: अंग्रेजों की गुलामी से भारत को आजादी दिलाने के लिए पहला स्वतंत्रता संग्राम एक महिला ने लड़ा था, जिसे अंग्रेज सिपाहियों के खिलाफ विद्रोह भी कहते हैं. इस आंदोलन का नेतृत्व झांसी की रानी लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmibai) ने किया था और अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद करके उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत की नाक में दम कर दिया था. देश की महान वीरांगना और झांसी की रानी (Queen of Jhansi) लक्ष्मीबाई की वीरगाथा इतिहास के पन्नों में दर्ज है, जिसे आज भी किस्से या कहानी के तौर पर बच्चों को सुनाया जाता है, ताकि बच्चे भी उनकी तरह साहसी और वीर बनें. महिला सशक्तिकरण के अतुलनीय उदाहरण को पेश करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि (Rani Lakshmibai Punyatithi) हर साल 18 जून को मनाई जाती है.  दरअसल, 17 जून 1858 को वो अपनी आखिरी जंग के लिए तैयार हुई थीं और अंग्रेजों से लोहा लेते हुए 18 जून को वीरगति को प्राप्त हुईं.

रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु को लेकर अलग-अलग मत हैं. लॉर्ड केनिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें एक सैनिक ने पीछे से गोली मारी थी, तभी अपने घोड़े के मोड़ते हुए रानी लक्ष्मीबाई ने भी इस सैनिक पर हमला किया था, लेकिन वो उनके वार से बच गया और उसने तलवार से उनका वध कर दिया था. झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि पर इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप स्टेटस, एसएमएस, एचडी इमेजेस को शेयर करके आप उन्हें नमन कर सकते हैं.

1- मैदान-ए-जंग में मरना है,
फिरंगी से नहीं डरना है,
कहती रानी लक्ष्मीबाई
यह वादा पूरा करना है.
रानी लक्ष्मीबाई को नमन

रानी लक्ष्मीबाई पुण्यतिथि 2025 (Photo Credits: File Image)

2-  हर औरत के अंदर है झांसी की रानी,
कुछ विचित्र थी उनकी कहानी,
मातृभूमि के लिए प्राणाहुति देने को ठानी,
अंतिम सांस तक लड़ी थी वो मर्दानी.
रानी लक्ष्मीबाई को नमन

रानी लक्ष्मीबाई पुण्यतिथि 2025 (Photo Credits: File Image)

3- दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी,
चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी.
रानी लक्ष्मीबाई को नमन

रानी लक्ष्मीबाई पुण्यतिथि 2025 (Photo Credits: File Image)

4- उखाड़ फेका हर दुश्मन को,
जिसने झांसी का अपमान किया,
मर्दानी की परिभाषा बन कर,
आजादी का पैगाम दिया.
रानी लक्ष्मीबाई को नमन

रानी लक्ष्मीबाई पुण्यतिथि 2025 (Photo Credits: File Image)

5- मुर्दों में भी जान डाल दे,
उनकी ऐसी कहानी है,
वो कोई और नहीं,
झांसी की रानी है.
रानी लक्ष्मीबाई को नमन

रानी लक्ष्मीबाई पुण्यतिथि 2025 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि 1857 के विद्रोह की नींव रखने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर 1828 को बनारस के एक मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था. बचपन में उनका नाम मणिकर्णिका था और लोग उन्हें प्यार से मनु कहकर बुलाते थे. उनका विवाह झांसी के नरेश गंगाधर राव नवलकर से हुआ था, जिसके बाद उन्हें लक्ष्मीबाई नाम दिया गया. बताया जाता है कि विवाह के बाद जब उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया तो जन्म के चार महीने बाद ही उनके पुत्र का निधन हो गया. अपने पुत्र के निधन के बाद रानी लक्ष्मीबाई और उनके पति गंगाधर राव नवलकर ने अपने चचेरे भाई के बच्चे को गोद लेकर उसे दामोदार राव नाम दिया था.

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