
International Yoga Day 2025: डिजिटल युग में आज योग की भूमिका ना केवल महत्वपूर्ण, बल्कि बहुआयामी हो गई है. आज जब दुनिया भर में हर वर्ग के अधिकांश लोग स्क्रीन, इंटरनेट और मोबाइल जैसे साधन से सीधे जुड़े हुए हैं, ऐसे में योग न केवल मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाए रखने में सहायक है, बल्कि डिजिटल जीवन (Digital Life) की चुनौतियों का समाधान भी निकाल रहा है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आइए जानते हैं कि डिजिटल युग में किस तरह योग एक व्यायाम प्रणाली ही नहीं, बल्कि एक सुचारु जीवन-शैली बन चुका है, जो तकनीकी युग की तेजी और अशांति के बीच संतुलन, शांति और आत्म-जागरूकता का मार्ग प्रशस्त करता है. यह न केवल शरीर और मन को स्वस्थ रखने का माध्यम है, बल्कि तकनीक में अनुशासन और संतुलन लाने का भी साधन बन चुका है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) 21 जून 2025 के अवसर पर आइए जानते हैं योग डिजिटीकरण पर कुछ रोचक बातें.
डिजिटल तनाव का समाधान
डिजिटल युग में लोग लगातार स्क्रीन के संपर्क में रहते हैं, जिससे मानसिक थकान, चिंता, अनिद्रा और ‘डिजिटल बर्नआउट’ जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही हैं. योग माइंडफूलनेस और ध्यान के माध्यम से मानसिक तनाव को कम करता है. प्राणायाम (श्वास नियंत्रण) आसन से मन को शांत करता है और योग निद्रा जैसी विधियों से अनिद्रा की समस्या में राहत देता है.
ऑनलाइन योग की लोकप्रियता!
आज योगाभ्यास केवल स्टूडियो, योग सेंटरों या आश्रमों तक सीमित नहीं रहा. आज डिजिटल माध्यम से योग के तमाम लाभकारी आसन यूट्यूब, मोबाइल ऐप्स, जूम सेशन और ऑनलाइन कोर्स के रूप में विश्व भर में सुलभ है. लोग अपने घर में रहकर ही योग विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन योग ने विशेष रूप से लोकप्रियता पाई.
योग और वर्चुअल कम्युनिटी
इन दिनों डिजिटल प्लेटफार्मों पर वैश्विक योग समुदायों का निर्माण तेजी से हुआ है, जहां लोग अपने अनुभव साझा करते हैं. डिजिटल रिट्रीट्स, चैलेंजेस और लाइव इवेंट्स से प्रेरणा और निरंतरता मिलती है. इसकी सफलता का ही प्रमाण है कि आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जैसे आयोजन वर्चुअल तरीके से विश्व स्तर पर मनाया जा रहा है.
योग शिक्षा का डिजिटलीकरण
योग शिक्षकों के लिए ऑनलाइन प्रमाणन कोर्स उपलब्ध हैं. AI और VR टेक्नोलॉजी के माध्यम से व्यक्तिगत योग अनुभव को अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है. ई-लर्निंग पोर्टल्स के माध्यम से आयुर्वेद और योग दर्शन की शिक्षा भी डिजिटल हो रही है.
डिजिटल लाइफस्टाइल में संतुलन का माध्यम
एक ही स्थान पर लगातार बैठकर काम करने से होने वाली समस्याओं (जैसे कमर दर्द, आंखों का तनाव) आदि से निपटने में योग बेहद उपयोगी है. ऑफिस योग या ‘डेस्क योग’ के माध्यम से कर्मचारियों में उत्पादकता और मानसिक संतुलन बना रहता है.
स्व-ज्ञान और डिजिटल अनुशासन
योग आंतरिक जागरूकता और आत्म-निरीक्षण को बढ़ावा देता है. डिजिटल डिटॉक्स की आवश्यकता को समझाता है और डिजिटल उपयोग को संयमित करने में सहायता करता है.