Alert! व्हाट्सएप नंबर 7340921702 से हो रही जासूसी की कोशिश, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की नई चाल

नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के बीच भारत की सुरक्षा को लेकर एक और गंभीर खतरा सामने आया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां (PIO) अब तकनीकी जाल बिछाकर भारत की जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रही हैं. इसके लिए वे भारतीय व्हाट्सएप नंबर +91 7340921702 का इस्तेमाल कर रहे हैं और खुद को भारतीय रक्षा अधिकारी बताकर पत्रकारों और नागरिकों से संपर्क कर रहे हैं.

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कैसे हो रही है यह जासूसी की कोशिश?

पाकिस्तानी ऑपरेटिव्स खुद को भारतीय सेना या रक्षा मंत्रालय से जुड़ा अधिकारी बताकर लोगों से बात करते हैं. वे ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सवाल पूछते हैं. जैसे कि पाकिस्तान के हमलों से भारतीय सैन्य अड्डों को कितना नुकसान हुआ है, या दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बातें सामने आई हैं. यह सब जानकारी जुटाकर वे भारत की रक्षा तैयारियों और जवाबी कार्रवाई की रणनीति को समझने की कोशिश कर रहे हैं.

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी भारतीय नंबर का इस्तेमाल कर जानकारी निकाल रही है

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क्यों है यह खतरा गंभीर?

यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और PoJK के आतंकी ठिकानों पर हमले किए गए थे. अब पाकिस्तान साइबर और तकनीकी जासूसी के जरिये देश और देशवासियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है.

सरकार की चेतावनी: इस नंबर से रहें दूर

भारतीय अधिकारियों ने आम नागरिकों और पत्रकारों को चेतावनी दी है कि अगर इस नंबर से कोई कॉल या मैसेज आता है, तो उस पर किसी भी हालत में प्रतिक्रिया न दें.

सुरक्षा एजेंसियों का साफ कहना है: "इस तरह के कॉल देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं. कोई भी जानकारी साझा करने से पहले कॉल करने वाले की सत्यता की पूरी जांच करें."

कैसे करें पहचान और बचाव?

  • अगर कोई खुद को रक्षा अधिकारी बताकर संवेदनशील सवाल पूछे, तो सतर्क हो जाएं.
  • फोन नंबर +91 7340921702 से आने वाले कॉल्स और मैसेजेज को तुरंत ब्लॉक करें और रिपोर्ट करें.
  • सोशल मीडिया या व्हाट्सएप पर किसी भी प्रकार की आंतरिक या गोपनीय जानकारी साझा न करें.
  • ऐसे किसी भी कॉल की जानकारी नजदीकी पुलिस या साइबर सेल को तुरंत दें.

आज की डिजिटल दुनिया में जासूसी केवल बॉर्डर तक सीमित नहीं रही. अब मोबाइल नंबर और ऐप्स के ज़रिए भी दुश्मन देश जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में हर भारतीय नागरिक की जिम्मेदारी है कि सतर्क रहे, जागरूक रहे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दे.